Himanchal Pradesh -इस साल मौसम के मिज़ाज कुछ अलग ही रंग दिखा रहा है। हिमाचल समेत इस बार कई राज्य ऐसे हैं जिन्होनें भारी बारिश का सामना किया है । बादल फटना, बाढ़ आना और लैंडस्लाइड ने पूरे देश को हिला दिया है । इस बार की बारिश ने न केवल पहाड बल्कि मैदान के लोगों को भी खूब रूलाया। मानसून अब जल्द विदा लेने वाला है, लेकिन मानसून के विदा होते ही एक और ऐसा खतरा है जो पूरे देश पर मंडरा रहा है और जिसके लिए अभी से ही चेतावनी जारी हो चुकी है। और ये चेतावनी है प्रंचड ठंड को लेकर- साल 2025 में भारत में सामान्य से कहीं अधिक ठंड हो सकती हैं। अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना के बनने की यानि की एक्टिव होने की संभावना 71 प्रतिशत है।
हालांकि, दिसंबर से फरवरी 2026 तक घटकर 54 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। लेकिन लगभग तीन महीने ला नीना का प्रभाव भारत में महसूस किया जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तरह मानसून के दौरान देशभर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, उसी का अगला चरण होगा—ठंड का मौसम औसत से ज्यादा सर्द और लंबा। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में तो यह असर और भी गहरा पड़ने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने भी ला नीना के एक्टिव होने की संभावना लगभग 50 फीसदी बताई है। अब चलिए पहले सरल भाषा में समझते हैं कि ला नीना है क्या- ला नीना वास्तव में प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में गिरावट की स्थिति है। यह एक इसका सीधा असर दुनिया के मौसम पर दिखता है। भारत में यह अक्सर भारी बारिश और सर्दियों में ज्यादा ठंड का कारण बनता है। पिछले कुछ महीनों से वैज्ञानिक लगातार चेतावनी दे रहे थे कि इस साल ला नीना की वापसी होगी और अब इसके संकेत मिलने लगे हैं।