Chhattisgarh- हाईवा मालिकों पर दो लाख जुर्माना, कलेक्ट्रेट के सामने किया धरना प्रदर्शन

Chhattisgarh- रेत परिवहन करते खनिज विभाग द्वारा पकड़े गए हाईवा मालिकों पर दो लाख रुपये अर्थदंड लिए जाने से आक्रोशित हाईवा मालिकों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना देकर जमकर प्रदर्शन किया। वहीं अवैध परिवहन में पकड़ाने वाले वाहन चालक व वाहन मालिकों के बयान के आधार पर अवैध रेत खदान व भंडारण संचालित करने वाले रेत माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही स्वीकृत रेत खदानों में सरकारी दर से लोडिंग की व्यवस्था व प्रति ट्रीप में रायल्टी उपलब्ध कराने खनिज विभाग से मांग की है। तीन सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होने पर हाईवा मालिकों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन कल्याण संघ के बैनर तले 31 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल की अगुवाई में संघ के पदाधिकारी व सदस्यों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर भीड़ में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हाईवा मालिकों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट के सामने बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदेशाध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए बताया है कि रेत परिवहन के दौरान जिला खनिज विभाग द्वारा पकड़ रहे हाईवा मालिकों पर दो लाख 2700 रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया जा रहा है, जो उचित नहीं है। प्रदेश के किसी भी जिला में इस तरह कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां हाईवा मालिकों का सीधा शोषण किया जा रहा है। इससे आक्रोशित प्रदेशभर के हाईवा मालिक प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि खनिज विभाग निजी सांठगांठ करके अन्य हाईवा मालिकों से सिर्फ 38 हजार 420 रुपये का अर्थदंड लेकर छोड़ रहे हैं। कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। आठ जुलाई को पकड़े कई हाइवा मालिकों से 38 हजार 420 रुपये अर्थदंड लेकर छोड़ा गया है जबकि कई हाईवा चालकों पर दो सीध दो लाख रुपये से अधिक अर्थदंड लिया गया है।हाईवा मालिकों ने सौंपे ज्ञापन में जिला प्रशासन से मांग की है कि हाईवा मालिकों के खिलाफ पक्षपात पूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाकर लगाए गए दो लाख रुपये के अर्थदंड को कम करके पूर्वानुसार अर्थदंड लेने की मांग की है। वहीं स्वीकृत रेत खदानों पर सरकारी दर से ही लोडिंग की व्यवस्था काकर प्रत्येक हाईवा के ट्रीप पर रायल्टी उपलब्ध कराने खनिज विभाग को जिम्मेदारी देने की मांग की है।

हाईवा मालिकों की मांग है कि चालक व उनके बयान पर अवैध खदान संचालक व भंडारणकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। हाईवा मालिकों का आरोप है कि धमतरी जिला में ही ऐसा कौन से कानून है, जो 20 दिनों के बाद गाडि़यों को मुक्त किया जाता है। जबकि दूसरे जगहों पर एक से दो दिनों में राजस्व शुल्क लेकर छोड़ा जाता है। धारा 21 अवैध उत्खनन का है, जबकि इस पर हाईवा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई किया जा रहा है, जबकि यह कार्रवाई अवैध खदान संचालकों के खिलाफ करें। राज्य सरकार खुद रेत खदान चला रही है, तो प्रचूर मात्रा में रायल्टी उपलब्ध कराएं। 10 हाईवा पर एक रायल्टी दिया जा रहा है। रेत खदान पर जांच करें, रोड में क्यों जांच किया जा रहा है। प्रचूर मात्रा में रायल्टी उपलब्ध क्यों नहीं कराया जा रहा है। साढ़े 650 रुपये के रायल्टी से 5000 रुपये वसूला जा रहा है। क्योंकि माफियाओं के पास रायल्टी है ही नहीं, तो देंगे कहां से। 50 हजार घन मीटर की जगह दो लाख घन मीटर रेत खनन किया जा रहा है।हड़ताल में प्रदेश महासचिव प्रदीप चंद्राकर, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र चंद्राकर, प्रदेश कार्य समिति सदस्य हनिफ निजामी, रमेश गुप्ता, राजेश मिश्र, हेमंत चोपड़ा समेत बड़ी संख्या में हाईवा मालिक धरना में शामिल थे।

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