Jodhpur- केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पर्यटन का देश की जीडीपी में 6.2 प्रतिशत का योगदान है, इसे हम कैसे 10 प्रतिशत तक पहुंचा सकते हैं? इस दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन राज्य का विषय है और राजस्थान सरकार को पर्यटन को लेकर अपना प्लान बनाने को कहा गया है। सरकार जब अपना प्लान सबमिट करेगी, उस प्लान की प्राथमिकता के आधार पर केंद्र सरकार काम करेगी। हम शीघ्र अन्य राज्यों के साथ भी बैठक कर उनकी तैयारी व प्रस्ताव की जानकारी लेंगे और उस आधार पर काम करेंगे।
रविवार शाम सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत पर्यटन का बहुत बड़ा हब है और यहां पर्यटन के बहुत सारे वार्टिकल्स हैं, जिसमें कल्चर, नेचर, वाइल्ड लाइफ, एक्टिविटी, एडवेंचर से लेकर फन ट्रूरिज्म जैसे वार्टिकल्स मुख्य रूप से शामिल हैं। ट्रूटिज्म के इन वार्टिकल्स को किस तरह और डेवलप किया जा सकता है, उसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में काम करेंगे, जिससे पर्यटन का देश की जीडीपी में योगदान बढ़ने के साथ ही रोजगार अवसर भी बढ़ सकें।
शेखावत ने कहा कि पर्यटन की दुनिया बदली है। उसमें एक्सपीरिएंशियल ट्रूरिज्म के साथ कई अन्य तरह का ट्रूरिज्म डेवलप हुआ है। ऐसे में भारत एक ऐसा देश है, जहां ऐसे पर्यटन को पंख लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि डोमेस्टिक पर्यटन भी भारत की एक बहुत बड़ी ताकत है। पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत में ज्यादा संभावनाएं हैं, भले ही लोग इस बात को लेकर भारत की आलोचना करें कि यहां हर साल एक करोड़ ही लोग आते हैं, जबकि श्रीलंका, सिंगापुर, थाईलैंड और दुबई आदि में यह संख्या हर साल 2-4 करोड़ के बीच है, लेकिन भारत में हर साल इससे दुगुनी से भी अधिक संख्या में डोमेस्टिक ट्रैवलर देश के विभिन्न हिस्सों में मूव करते हैं। आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी, जिससे पर्यटन के क्षेत्र में अच्छी ग्रोथ होगी और इससे पर्यटन का जीडीपी में योगदान भी बढ़ेगा।
पहली बार वर्ल्ड हेरिटेज समिति का नेतृत्व भारत को
शेखावत ने बताया कि वर्ल्ड हेरिटेज समिति का इस बार भारत नेतृत्व करेगा। यह पहली बार हो रहा है। भारत समिति का अध्यक्ष रहेगा और इस समिति में 126 देश शामिल होंगे। आने वाले दिनों में वर्ल्ड हेरिटेज समिति में शामिल इन सभी देशों का सम्मेलन भारत में होने जा रहा है। यह राजस्थान में लिए भी एक सुनहरा अवसर होगा, जब हमारी धरोहर को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी। दिल्ली में बनने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय के विषय में शेखावत ने बताया कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में भारत का नया राष्ट्रीय संग्रहालय बनाया जाएगा। इस संग्रहालय को फ्रांस के सहयोग से एडाप्टिव रीयूज के माध्यम से विकसित किया जाएगा। यह संग्रहालय भारत की समृद्ध धरोहर और प्रगति की अटूट भावना का एक प्रमाण होगा, क्योंकि यह अपने अतीत से प्रेरणा लेकर एक खाका तैयार करता है।