Nepal- नेपाल के भ्रमण पर रहे चीन के उप विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद आज संसद में प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ने बीआरआई के कार्यान्वयन को लेकर दो शर्तें रखी हैं।
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चीन के उप विदेश मंत्री के नेपाल भ्रमण के दौरान संसद में बीआरआई को लेकर उठे सवाल पर प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि चीन से बीआरआई में अनुदान पर पैसा स्वीकृत करने की नेपाल की प्राथमिकता को लेकर चीन को अवगत करा दिया गया है। संसद में उठे सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता चीन से छोटे परियोजना के लिए अनुदान पर रकम लेने की है। उन्होंने कहा कि चीन के ऋण जाल में फंसने को लेकर नेपाल सरकार एकदम सतर्क है और अपनी शर्तों पर ही इसे देश में कार्यान्वयन करेगी।
प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि चीन से अनुदान में परियोजनाओं को आर्थिक सहयोग लेने को लेकर सरकार स्पष्ट है। यदि अनुदान नहीं हो पाया तो अन्तरराष्ट्रीय प्रचलन के हिसाब से ही ब्याज दर पर ऋण लेने की बात होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक जिस दर पर ब्याज लेता है उस दर पर अगर चीन भी बीआरआई पर ऋण देने को तैयार होगा तब उस पर पुनर्विचार किया जाएगा।
चीन की तरफ से न्यूनतम पांच प्रतिशत के महंगे ब्याज दर पर कम सीमा अवधि का लोन दिया जाता है जबकि विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक के आर्थिक ऋण का ब्याज दर 0.5 प्रतिशत से लेकर 1.5 प्रतिशत ही रहता है। चीन के ऋण चुक्ता की अवधि 10 से 15 वर्षों की होती है जबकि अन्य दातृ निकाय 25 से 30 सालों तक के लिए ऋण की सुविधा देते हैं।