New Delhi – कांग्रेस पार्टी विरासत कर के मुद्दे पर लगातार सफाई दे रही है। आज पार्टी महासचिव ने एक बार फिर पत्रकार वार्ता कर कहा कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ में ‘विरासत कर’ का कोई जिक्र नहीं है। कांग्रेस की ओर से आज एक बार फिर प्रधानमंत्री के आरोपों का खंडन किया गया। पत्रकारवार्ता में महासचिव जयराम रमेश ने इसका खंडन किया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस सत्ता में आने पर पीढ़ि दर पीढ़ि संपत्ति हस्तांतरण पर कर लगायेगी। कांग्रेस महासचिव रमेश ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनावी रैलियों में हमारे घोषणापत्र का दुष्प्रचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की।
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असल में 1985 में राजीव गांधी की सरकार ने ने विरासत कर को हटाया था । वहीं भाजपा नेताओं जैसे की अरुण जेटली ने साल 2014-19 के बीच में इसकी वकालत की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वे बतायें कि कांग्रेस के न्याय पत्र में संपत्ति पुनर्वितरण की बात कही गई है। एक अन्य विषय पर जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री का बचाव कर रहा है। प्रधानमंत्री की भाषा पर उनके खिलाफ शिकायत किया जाना स्वाभाविक था। लेकिन आयोग ने इस बार भी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत पर उनके बजाय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस भेजा। इससे स्पष्ट है कि चुनाव आयोग उनका बचाव कर रही है। जयराम रमेश ने कहा कि संवैधानिक आरक्षण में मनमाने ढंग से संशोधन नहीं किया जा सकता।